बच्चों का बीमार होना आम बात है। इनमें सर्दी जुकाम और बुखार होना तो और भी सामान बात है जैसे ही मौसम में बदलाव होता है तो बच्चों का बीमार होना तय है लेकिन आज के समय में अगर बच्चा बीमार हो जाए तो माता-पिता की चिंता दुगनी हो जाती है। हालांकि कुछ आदतें ऐसी हैं जिन को अगर बच्चे सीख जाए तो कुछ हद तक वह इन बीमारियों से बच सकते हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी इसके लिए आपको भी खुद में भी कुछ बदलाव लाने की जरूरत होगी।
अपने छोटे से बच्चे को बार-बार बीमार पड़ते हुए देखना काफ़ी बुरा लगता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाना और उसे बीमारियों से बचाना उतना भी मुश्किल नहीं है। एक बार जब आप जान जाते हैं कि बच्चे को क्या खिलाना है, तो आप निश्चिन्त हो सकते हैं कि वह बार-बार बीमार नहीं पड़ेगा। यहाँ बच्चों के लिए कुछ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली खाने की चीज़ों की जानकारी दी गयी है जो उन्हें बीमारियों से दूर रखने में मदद करेंगी।
आप अपने बच्चे को स्वस्थ खाना दिजीयेबच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली खाने की चीज़ें देना आपके बच्चे को इन्फेक्शन से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है। सही मायने में आपके बच्चे का हर खाना संतुलित आहार होना चाहिए। ताज़े फल और सब्ज़ियां, बीज, अंडे और मछली से प्राप्त ज़रूरी वसा और तेल रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। अपने बच्चे को जितना हो सके अलग-अलग तरह के फल और सब्ज़ियां खिलाने की कोशिश जरुर करें।
अपने बच्चे को विटामिन सी से भरपूर खाना खिलाएगा छोटे बच्चों के लिए विटामिन सी सबसे अच्छा इम्यून बूस्टर (रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाला ) होता है। यह विटामिन आपके बच्चे को सर्दी और फ्लू से बचाता है। यह खट्टे फल, हरी पत्तेदार वाली सब्ज़ियां, अमरूद और स्ट्रॉबेरी जैसी चीज़ों में पाये जाते हैं।
विटामिन बी पांच से भरपूर खाने को शामिल करियेगा : रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला एक और विटामिन है विटामिन बी पांच। यह विटामिन साबुत अनाज, फलियों, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, मछली, मांस, मुर्गी और नट्स में पाया जाता है। अपने बच्चे को नट्स खिलाने का एक आसान तरीका है कि नट्स को पीसकर अनाज या दलिया में मिला लिया जाये।
आयरन वाला खाना दिजीये : आयरन एक और पोषक तत्व है जो बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है। लाल मांस, मछली, चिकन, अंडे और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां आयरन के अच्छे स्रोत हैं। आप अपने बच्चे को 6 महीने की उम्र से उबली और मैश की हुई हरी पत्तेदार सब्जियाँ खिलाना शुरू कर सकते हैं।
आपके बच्चे को पूरी नींद मिले एक बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सही खाना खिलाने के अलावा आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे को पूरी नींद मिले। ऐसा इसलिए क्योंकि सोते समय शरीर अपने आपको ठीक करके नई ताज़गी भरी रहती है।
बच्चे का बीमार पड़ना हर माँ के लिए एक बुरे सपने की तरह होता है। और इसलिए आप अपने घर को बिल्कुल साफ़-सुथरा और कीटाणु मुक्त रखना चाहती हैं, लेकिन ये इतना भी ज़रूरी नहीं है। अगर आपका बच्चा कभी-कभी छींकता है तो इसमें डरने की कोई बात नहीं है। उसे मिट्टी में खेलने दें। याद रखें, जब तक आपके बच्चे को बहुत ज़्यादा इन्फेक्शन ना हो, तब तक उसका कीटाणुओं के साथ होने वाला हर संपर्क आगे जाकर उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करिये देगा।
हेल्दी खाने की आदतआजकल बच्चों को पिज्जा बर्गर तो पता है। मगर ड्राइव फूड्स और फलों से उनका कोई लेना देना नहीं होता ऐसे में जरूरी पोषक तत्व शरीर में नहीं जा पाते इसके लिए जरूरी है। कि ड्राइविंग टेबल पर फल और मेवे हर हाल में हूं उन्हें आप भी उनके सामने खाएं ताकि वे भी इसे खा सकें इससे बच्चे जंक फूड से बचेंगे और आपकी सेहत भी बेहतर होगी।
पानी पीने का नियमअक्सर माता-पिता की शिकायत होती है। कि बच्चे को डिहाईड्रेशन हो गया है। गर्मी में यह समस्या होना आम बात है ऐसे में जरूरी है कि शरीर की नमी बरकरार रहे हैं इसके लिए दिन की शुरुआत पानी से करें सुबह उठकर खुद भी पानी पी लें ताकि बच्चा भी आपसे सीखे इससे शरीर d-tox भी होगा और बीमारी दूर होगी रहेगी।
शारीरिक व्यायाम की जरूरतइन दिनों सोसाइटी और गेटेड कम्यूनिटी मैं प्ले एरिया और पाक बंद पड़े हैं। जो परिवार मोहल्ले में रहते हैं। वहां भी बच्चे बाहर खेलने नहीं जा पा रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर है ऐसे में आप खुद भी घर पर योग और व्यायाम करें और बच्चे को भी इन्हें करने के लिए प्रेरित करें।
टीवी से दूरीशरीर के विकास के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। खासकर बच्चों की बढ़ती उम्र में यहां और महत्वपूर्ण है। बच्चे आजकल देर तक जागते हैं। और फिर सुबह देर से उठते भी हैं हर घर में टीवी होने से बच्चे को कुछ भी देखते हैं और हंसते खेलते हैं इसलिए जरूरी है कि टीवी देखने के लिए उनके शो और समय निर्धारित करें। खुद के लिए भी यह नियम बनाए ताकि उनको कुछ अलग ना लगे इसके अलावा बच्चों को कहानी पढ़ाने पढ़ने की आदत अलवाए सोने के पहले उनको कहानी पढ़ने की आदत डलवाए या उनको खुद सुनाए कहानी सुनाएं इससे उनकी नींद भी अच्छी आएगी और वह जल्दी सो भी सकेंगे।
मोबाइल से रखें दूरआजकल बच्चे बिना मोबाइल देखें खाना नहीं खाते हैं। यहां अक्सर हम देखते हैं। माता-पिता भी इनके खाने की मेज पर मोबाइल में ही लगे रहते हैं। लेकिन एक शोध के अनुसार आपके मोबाइल पर टॉयलेट सीट के 10 गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। ऐसे में मोबाइल को खाने के साथ इस्तेमाल होते हैं ऐसे में मोबाइल को खाने के साथ इस्तेमाल करना मतलब बैक्टीरिया को भी दावत देना है। इसलिए भोजन के दौरान मोबाइल का स्मार्ट खुद भी ना करें और बच्चों को भी ऐसा ना करने दें।